तेरे साथ बिताये पलों को याद करती रहती हूँ। ...
बस रब से तेरे अच्छे होने की फ़रयाद करती रहती हूँ.....
भुलना तुझे तो शायद मुमकिन नही होगा। ....
बस तेरा मुझसे दूर रहना सही होगा। ...
आँखों का पानी सुख नही पाता। ..
बस तेरे बिन दिल रह नहीं पाता। ..
रूह तो तेरे साथ ही तू लेकर चला गया है। ..
मेरा तो बस ये जिस्म रह गया है। ..
काश एक टूटता तारा मिल जाये। ..
काश हम उससे तुझे मांग पाए। ..
लड़की को क्यों देने पड़ते है इतने इम्तेहान। ...
क्यों नही मिलता उसे इतना सम्मान। .....
क्यों बस वो यूँ ही रोकर रह जाती है। ...
क्यों वो अपना जीवन साथी खुद से न चुन पाती है। ....
जूठी वो बन जाती है अपने मेहबूब के लिए। ....
सह जाती है सब बस बाबुल के लिए। .....
बहुत साल पहले हीर के साथ भी यही हुआ था। ..
आज़ाद क्या हमारा देश ख़ाक हुआ था। ..
आज भी मर जाती है लडकिया जहर खाकर। ....
आज भी तड़पती है उसे न पाकर। ....
जात पात ऊंच नीच ये सब ही बस रह गया है। ...
खुशियां तो बस अब इक सपना सा रह गया है। ...
बस इक सपना सा रह गया है। ......
thought so :)
ReplyDelete